मातु पिता भ्राता सब कोई । संकट में पूछत नहिं कोई ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ धन निर्धन को देत सदाहीं । जो कोई जांचे वो फल पाहीं ॥ हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन नन्दि गणेश https://shivchalisas.com
The 5-Second Trick For Lyrics of shiv chalisa
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